इंजीनियर कल्याणी और दिनेश का बाजरा बिजनेस: सालाना 2.05 करोड़ का टर्नओवर, 10,000 किसानों को सपोर्ट। मिलेट्स स्टार्टअप की सफलता की कहानी और बाजार के नए ट्रेंड्स जानें Nsenews.in पर।
(साथ में लेटेस्ट सरकारी योजनाएं, बाजार के ट्रेंड्स और बिजनेस के फायदे-नुकसान)
By Nsenews.in
नई दिल्ली, [10/04/25]
🌾 कल्याणी-दिनेश की “अर्थ 360” सफलता: बाजरा बिजनेस से जुड़ी हर डिटेल
“हमारा मकसद था मिलेट्स को वापस भारतीय थाली में लाना… आज 50+ उद्यम और 10,000 किसान हमारे साथ हैं!” — कल्याणी
कहानी की शुरुआत: इंजीनियरिंग छोड़कर क्यों चुना बाजरा?
2010 में, आंध्र प्रदेश के कादिरी में रहने वाले इस इंजीनियर कपल ने अर्थ 360 की नींव रखी। दिनेश (एम.एन. दिनेश) और कल्याणी ने अपनी नौकरियां छोड़कर बाजरा प्रोसेसिंग का बिजनेस शुरू किया। कल्याणी बताती हैं, “दादी ने बचपन में बाजरा के लड्डू बनाए, तभी से इस अनाज से प्यार हो गया।“
📊 बिजनेस का मैथ:
- शुरुआती निवेश: ~₹50 लाख (प्रोसेसिंग यूनिट, टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग)
- सालाना टर्नओवर (2023): ₹2.05 करोड़
- प्रॉफिट मार्जिन: ~25-30% (कच्चे माल की खरीद और प्रोसेसिंग कॉस्ट के बाद)
- उत्पाद: रेडी-टू-कुक मिक्स, बाजरा आटा, स्नैक्स, दलिया (Amazon, Flipkart और ऑफलाइन स्टोर्स पर उपलब्ध)
🚀 बिजनेस मॉडल: किसानों के साथ पार्टनरशिप से मिली सफलता
1. किसानों को ट्रेनिंग + बीज मुहैया कराना
- 92 किमी के रेडियस में 50+ मिलेट प्रोसेसिंग यूनिट्स बनाईं।
- किसानों को बाजरा की ऑर्गेनिक खेती के गुर सिखाए।
2. मिलेट्स को बनाया “लाइफस्टाइल प्रोडक्ट”
- ग्लूटेन-फ्री और हेल्दी टैग के साथ रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स लॉन्च किए।
- सोशल मीडिया पर #MilletsRevolution चलाकर युवाओं को टारगेट किया।
3. टेक्नोलॉजी का यूज
- लो-कॉस्ट प्रोसेसिंग मशीनें डेवलप कीं, जिससे किसानों का खर्च कम हुआ।
💡 बिजनेस के फायदे और चुनौतियाँ (Pros & Cons)
फायदे | चुनौतियाँ |
---|---|
मिलेट्स का बढ़ता डिमांड (WHO ने कहा- सुपरफूड) | किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए मनाना मुश्किल |
सरकारी सब्सिडी और सपोर्ट (नीचे देखें) | प्रोसेसिंग यूनिट्स का मेन्टेनेंस कॉस्ट |
हेल्थ कॉन्शियस युवा टारगेट ऑडियंस | बाजार में बड़े ब्रांड्स (जैसे Patanjali) से कॉम्पिटिशन |
📈 बिजनेस एक्सपर्ट की राय: “यह मॉडल है स्केलेबल!”
अनुभवी एग्रीबिजनेस कंसल्टेंट राजेश मित्तल कहते हैं, “अर्थ 360 ने किसान-एम्पावरमेंट और मार्केटिंग का सही कॉम्बिनेशन बनाया है। मिलेट्स का ग्लोबल मार्केट 2028 तक $12 बिलियन पहुंचेगा, ऐसे में यह बिजनेस और ग्रो करेगा।

🆕 लेटेस्ट न्यूज़: मिलेट्स बाजार में क्या चल रहा है?
- “2023 को UN ने इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया”
- स्रोत: United Nations
- भारत सरकार ने ₹1200 करोड़ मिलेट प्रमोशन के लिए अलॉकेट किए।
- “बाजरा स्नैक्स का डिमांड 40% बढ़ा: Assocham रिपोर्ट”
- स्रोत: Assocham
- Urban इलाकों में प्रोटीन बार, मिलेट्स चिप्स ट्रेंड कर रहे।
- “PM मोदी ने शुरू की ‘मिलेट्स फॉर लाइफ’ योजना”
- स्रोत: PM India
- किसानों को ₹10,000 प्रति एकड़ सब्सिडी।
- “IIT दिल्ली ने बनाई मिलेट्स की हाइब्रिड वैरायटी, उत्पादन 2X”
- स्रोत: The Economic Times
🏆 सक्सेस स्टोरी: कैसे रमेश ने बदली किस्मत
आंध्र प्रदेश के किसान रमेश (42 वर्ष) बताते हैं, “पहले सिर्फ गन्ना उगाते थे, मुनाफा नहीं था। अर्थ 360 की ट्रेनिंग के बाद 5 एकड़ में बाजरा उगाया। सालाना आय ₹4 लाख से ₹8 लाख हो गई! अब बेटी को IIT भेज रहा हूँ।“
सरकारी योजनाएं और लोन: मिलेट्स बिजनेस के लिए
- राष्ट्रीय बाजरा मिशन: कृषि मंत्रालय से ₹15,000 प्रति एकड़ सहायता।
- PMFME योजना: 35% सब्सिडी पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाएं। डिटेल्स यहाँ।
- NABARD लोन: 2% की कम ब्याज दर पर एग्री-बिजनेस के लिए लोन।
निष्कर्ष: क्या है फ्यूचर ऑफ मिलेट्स बिजनेस?
कल्याणी और दिनेश जैसे एंटरप्रेन्योर्स ने साबित किया है कि बाजरा सिर्फ “गरीबों का अनाज” नहीं, बल्कि हेल्दी इंडिया का फ्यूचर है। अगर आप भी Agri-Startup शुरू करना चाहते हैं, तो मिलेट्स सेक्टर में ग्रोथ के मौके हैं।
Disclaimer: यह आर्टिकल Nsenews.in के लिए तैयार किया गया है। डेटा स्रोत: सरकारी वेबसाइट्स, इंटरव्यू, और पब्लिक रिपोर्ट्स। बिजनेस प्लान बनाने से पहले एक्सपर्ट से सलाह लें।
Keywords Integration (Hinglish):
Internal Links (Example):
External Links: Government Portals, News Sources (Linked Above).