Digital Arrest Scams पर बड़ी कार्रवाई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने साइबर ठगी के इस घोटाले में 8 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस मामले में फर्जी IPO और शेयर बाजार निवेश का लालच देकर लोगों को ठगा गया है। जानें ED की जांच के मुख्य बिंदु और इससे बचने के तरीके।
Digital Arrest Scams से जुड़े साइबर अपराध पर ED की बड़ी कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक नए साइबर अपराध मामले में Digital Arrest Scams पर बड़ी कार्रवाई की है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में जनता को साइबर धोखाधड़ी के बारे में सचेत करने के एक सप्ताह बाद उठाया गया। यह मामला देशभर में कई पुलिस एफआईआर के अध्ययन के बाद दर्ज किया गया है, जिसमें Digital Arrest Scams के माध्यम से 159 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा हुआ है।
[PTI Report] Digital Arrest Scams: ED Files New Prosecution Complaint in Major Cyber Crime Case
Digital Arrest Scams: ED ने आठ अभियुक्तों पर लगाया आरोप
साइबर अपराध की इस बढ़ती प्रवृत्ति के चलते, ED ने फर्जी IPO आवंटन से जुड़े मामलों पर कड़ा रुख अपनाया है। एजेंसी ने बेंगलुरु में PMLA अदालत के समक्ष आठ अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिन्होंने लोगों को धोखेबाज ऐप के माध्यम से निवेश करने का झांसा देकर ठगा। ED के मुताबिक, जांच में यह भी खुलासा हुआ कि डिजिटल ठगी का यह नेटवर्क सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स
Fake IPO and Stock Market Scams: बढ़ते साइबर घोटाले
Digital Arrest Scams का एक प्रमुख हिस्सा फर्जी IPO आवंटन और शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर आम लोगों को ठगने पर केंद्रित है। यह प्रक्रिया धोखाधड़ी वाले ऐप्स और फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से अंजाम दी जाती है। जांच में पाया गया कि इस साइबर धोखाधड़ी को ‘पिग बुचरिंग स्कैम’ नाम से भी जाना जाता है, जिसमें लोग बड़ी कमाई का लालच देकर नकली WhatsApp ग्रुप और वेबसाइटों पर निवेश करने के लिए उकसाए जाते हैं। अक्सर ये वेबसाइटें और ग्रुप जाने-माने वित्तीय संस्थानों के नाम से बनाए जाते हैं, जिससे लोग आसानी से इनके झांसे में आ जाते हैं।
जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, और टेलीग्राम—के जरिए संचालित होता है। इस अपराध को ‘Digital Arrest’ का नाम दिया गया है।
Digital Arrest Scams के शिकार कैसे होते हैं?
Digital Arrest Scams के तहत अपराधी, स्वयं को सीमा शुल्क और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताकर पीड़ितों को डिजिटल माध्यम से गिरफ्तार करते हैं। इस प्रक्रिया में अपराधी वीडियो कॉल का सहारा लेते हैं, जिससे यह आभास होता है कि कॉल करने वाला वास्तव में एक सरकारी अधिकारी है। पीड़ित को विश्वास में लेकर, आरोपी उसे फर्जी कंपनियों में धन हस्तांतरित करने के लिए मजबूर करते हैं।
नई एडवाइजरी: साइबर अपराध से बचने के लिए सुरक्षा के उपाय
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने इस तरह की साइबर ठगी से जनता को सतर्क करने के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है। यह सलाह दी गई है कि वीडियो कॉल के जरिए खुद को अधिकारी बताने वाले लोग असल में साइबर अपराधी होते हैं और वे वीडियो कॉल पर पुलिस, CBI या न्यायाधीश नहीं होते।
महत्वपूर्ण सलाह: यदि कोई आपको वीडियो कॉल पर स्वयं को अधिकारी बताकर गिरफ्तार करने की धमकी देता है, तो उस कॉल को नजरअंदाज करें और तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन से संपर्क करें या आधिकारिक साइबर अपराध पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज कराएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘मन की बात’ में उठाया मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बढ़ते साइबर अपराध पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने Digital Arrest Scams पर लोगों को सचेत किया और उन्हें किसी भी तरह की ठगी से सतर्क रहने की अपील की। प्रधानमंत्री का यह बयान देशभर में साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीरता का संकेत है।
Digital Arrest Scams से बचने के 10 महत्वपूर्ण सुझाव
1. ऑनलाइन अजनबियों पर भरोसा न करें: किसी अज्ञात व्यक्ति से पैसे निवेश या अन्य किसी लेन-देन में सावधानी बरतें।
2. वीडियो कॉलिंग से सतर्क रहें: फर्जी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी की धमकी देने वाले से सावधान रहें।
3. वित्तीय ऐप्स की विश्वसनीयता जांचें: किसी भी वित्तीय ऐप का उपयोग करने से पहले उसकी प्रमाणिकता जांचें।
4. शेयर मार्केट निवेश का जाल: उच्च मुनाफे का लालच देकर फर्जी निवेश योजनाओं से सावधान रहें।
5. वेरिफाइड वेबसाइट का ही उपयोग करें: अनवेरिफाइड वेबसाइट्स पर निजी जानकारी साझा न करें।
6. सोशल मीडिया अकाउंट्स सुरक्षित रखें: अपने सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक न करें।
7. Cyber Crime हेल्पलाइन पर संपर्क करें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि को राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें।
8. मोबाइल ऐप्स पर सतर्क रहें: केवल Google Play Store या Apple App Store से ही ऐप्स डाउनलोड करें।
9. भ्रामक WhatsApp ग्रुप से बचें: हाई-प्रोफाइल WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनने से पहले उसकी प्रमाणिकता सुनिश्चित करें।
10. शेयर बाजार में निवेश समझदारी से करें: सही जानकारी और प्रमाणित स्रोतों के साथ ही निवेश करें।
FAQs on Digital Arrest Scams
1. Digital Arrest Scams क्या हैं?
Digital Arrest Scams एक ऐसा साइबर अपराध है जिसमें अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर पीड़ितों को डिजिटल माध्यम से गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं।
2. Digital Arrest Scams का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य पीड़ितों से पैसे वसूलना और उन्हें नकली निवेश में फंसाना है।
3. इन घोटालों से कैसे बचा जा सकता है?
अपने वित्तीय लेन-देन में सतर्क रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति से साझा न करें। किसी भी तरह की धमकी या गिरफ्तारी के डर से सतर्क रहें।
4. क्या Digital Arrest Scams केवल WhatsApp और सोशल मीडिया पर होते हैं?
हां, मुख्य रूप से ये घोटाले WhatsApp, Facebook, Instagram और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही होते हैं।
5. अगर कोई खुद को अधिकारी बताकर कॉल करे तो क्या करना चाहिए?
ऐसे कॉल्स को नजरअंदाज करें और तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन या पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।
6. पिग बुचरिंग स्कैम क्या है?
यह एक प्रकार का साइबर स्कैम है जिसमें फर्जी उच्च मुनाफे का लालच देकर लोगों को निवेश के लिए उकसाया जाता है।
7. फर्जी IPO निवेश से कैसे बचा जा सकता है?
हमेशा सत्यापित स्रोतों से ही निवेश करें और किसी भी फर्जी कंपनी में निवेश करने से बचें।
8. कौन-कौन से लोग Digital Arrest Scams का शिकार होते हैं?
मुख्य रूप से कम वित्तीय ज्ञान वाले लोग और साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्कता न रखने वाले लोग इसके शिकार होते हैं।
9. अगर कोई मेरे सोशल मीडिया पर संपर्क करे और अधिकारी बने तो क्या करना चाहिए?
उसकी पहचान को सत्यापित करें और कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
10. Digital Arrest Scams के बारे में जागरूकता कैसे बढ़ाई जा सकती है?
इस प्रकार के स्कैम से जुड़े हर संभावित व्यक्ति को इसकी जानकारी दें, और साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए जागरूक करें।
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