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सरकार ने Tesla जैसी ग्लोबल कंपनियों को भारत में लाने के लिए New EV Policy का ऐलान किया है। इसके तहत EV import duty 110% से घटाकर महज 15% कर दी गई है। पर ये राहत मिलेगी किन शर्तों पर? घरेलू ऑटो कंपनियों पर क्या पड़ेगा असर? आइए समझते हैं पूरा मामला!
नई EV पॉलिसी 2024: Tesla के लिए क्या है खास?
सूत्रों के मुताबिक, मार्च 2024 तक New EV Policy Tesla India के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। ये पॉलिसी खासतौर पर $35,000 से महंगी EVs (लगभग 29 लाख रुपये) के इंपोर्ट को टारगेट करती है। कंपनियों को सालाना 8,000 प्रीमियम EVs कम ड्यूटी पर लाने की इजाजत मिलेगी, लेकिन कुछ शर्तें भी हैं:
- 500 मिलियन डॉलर (4150 करोड़ रुपये) का निवेश करना होगा।
- 3 साल में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करनी होगी।
- 5 साल में 50% लोकल पार्ट्स (DVA) का इस्तेमाल अनिवार्य।
- टर्नओवर टारगेट: दूसरे साल 2500 करोड़, पांचवें साल 7500 करोड़!
अगर Tesla ये शर्तें पूरी करती है, तो Model 3 और Model Y जैसी कारें भारत में सस्ती होंगी।
Global EV Policies vs India: चीन, US, EU क्या कर रहे हैं?
- चीन: EV खरीदने पर टैक्स छूट + बैटरी बदलने पर सब्सिडी।
- अमेरिका: राज्यों में टैक्स क्रेडिट, बैटरी मेकिंग पर इनाम।
- EU: फ्री पार्किंग जैसे ऑफर्स, लेकिन हर देश के अलग नियम।
- भारत: FAME-II स्कीम के तहत 16.15 लाख EVs को सब्सिडी।
फिलहाल, 48% ग्लोबल EV मार्केट चीन के कंट्रोल में है, जहां BYD और Tesla की जंग है। भारत में ये पॉलिसी Tesla को चीन से आगे निकलने का मौका दे सकती है।
घरेलू कंपनियों पर क्या पड़ेगा असर? एक्सपर्ट्स की राय
Helios India के CEO दिनशॉ ईरानी का कहना है, “प्रीमियम सेगमेंट (MG, Mercedes, Audi) पर सीधा दबाव पड़ेगा। टेस्ला से ज्यादा चीन की कंपनियों से खतरा है!”
मार्केट एक्सपर्ट नीरज दीवान के अनुसार, “ऑटो शेयरों में Short-Term गिरावट आ सकती है, लेकिन ये निवेशकों के लिए खरीदारी का गोल्डन चांस होगा।”
क्यों डर रही हैं घरेलू कंपनियां?
- भारत में EV मार्केट का 80% अभी 2-व्हीलर सेगमेंट में है।
- प्रीमियम 4-व्हीलर सेगमेंट में Tata, Mahindra का दबदबा, लेकिन Tesla की एंट्री से Competition बढ़ेगा।
लेटेस्ट न्यूज अपडेट्स: EV मार्केट के 4 बड़े ट्रेंड्स
- SBI Cap की रिपोर्ट: 2030 तक EVs, ऑटो कंपनियों की कमाई का 30-35% हिस्सा बनेंगे। स्रोत
- टेस्ला का प्लान: 2024 तक भारत में फैक्ट्री शुरू करने की तैयारी। स्रोत
- सरकार का टारगेट: 2030 तक 30% EVs की सेल, अभी सिर्फ 2.5% है। स्रोत
- चीन का दबाव: BYD ने 2023 में Tesla को पछाड़कर दुनिया की No.1 EV कंपनी बनने का दावा किया। स्रोत
निवेशकों के लिए Key Takeaways: क्या करें?
- Short-Term: ऑटो शेयरों में Volatility रहेगी, लेकिन बजट में टैक्स कट से रिलीफ मिल सकता है।
- Long-Term: EV सेक्टर में लोकल बैटरी और चार्जिंग इंफ्रा कंपनियों (Tata Power, Exide) में मौका।
- ग्लोबल vs लोकल: Tesla के शेयर (NASDAQ: TSLA) में निवेश का विकल्प भी है, लेकिन भारतीय पॉलिसी रिस्क को समझें।
फैसला कब करें?
एक्सपर्ट्स की सलाह है कि अगले 3-6 महीने में EV पॉलिसी का असर साफ दिखेगा। तब तक घरेलू कंपनियों के Q4 रिजल्ट और Tesla की घोषणाओं पर नजर रखें!
Disclaimer: यह जानकारी सिर्फ सूचना के लिए है। निवेश से पहले SEBI-registered advisor से सलाह लें।